मौर्य साम्राज्य को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाने वाले आचार्य चाणक्य एक महान दार्शनिक, दूरदर्शी, लेखक और प्रकांड विद्वान थे। वे तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य थे। उन्होंने अर्थशास्त्र नामक पुस्तक लिखी, जिसमें मौर्य काल की राजनैतिक व्यवस्था पर प्रकाश डाला गया है। उनके विचार और नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने अपने संपूर्ण दर्शन में चार चीजों को बेशकीमती माना है।
दुनिया में दान से बड़ा कोई चीज नहीं
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि इस दुनिया में भोजन और पानी का दान ही महादान है। इसके अलावा कोई और चीज इस दुनिया में इतनी बेशकीमती नहीं है। जो व्यक्ति भूखे-प्यासे को भोजन और पानी पिलाता है वह ही पुण्य आत्मा है। इसलिए दान दुनिया की चार चीजों में सबसे बेशकीमती चीज है।