जया एकादशी व्रत का पर्व 05 फरवरी को पड़ रही है। वैदिक पंचांग के अनुसार, जया एकादशी प्रति वर्ष माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण जया एकादशी का महत्व बताते हुए कहते हैं कि माघ शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली जया एकादशी बहुत ही पुण्यदायी है। इसका व्रत करने से व्यक्ति नीच योनि जैसे भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त हो जाता है। जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक जया एकादशी का व्रत रखता है वह ब्रह्म हत्या जैसे महापाप से भी छूट जाता है तथा भगवान विष्णु की कृपा से उसे जीवन के समस्त सुखों की प्राप्ति सहज ही हो जाती है। लेकिन इस दिन कई चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए।
एकादशी पर भूलकर न करें ये काम
ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से मनुष्य रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है इसलिए इस दिन भूलकर भी चावल का सेवन न करें।
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की आराधना और उनके प्रति समर्पण के भाव को दिखाता है। एकादशी के दिन खान-पान और व्यवहार में संयम और सात्विकता का पालन करना चाहिए।
एकादशी के दिन संयम के साथ पति-पत्नी को ब्रह्राचार्य का पालन करना चाहिए इसलिए इस दिन शारीरिक संबंध नहीं बनना चाहिए।